यूपी में 33 लाख किसानों के नाम काटे गए
अभी तक देश के करोड़ों किसानों की ओर से ई-केवाईसी, भूलेख सत्यापन और बैंक खाते से आधार सीडिंग का काम पूरा नहीं किया जा सका है। हाल ही में उत्तर प्रदेश के मुख्य कृषि आयुक्त ने जानकारी दी थी कि राज्य के 33 लाख से ज्यादा किसानों के नाम पीएम किसान की सूची से हटा दिए गए हैं. इसका कारण यह था कि किसानों द्वारा ई-केवाईसी और भूलेख सत्यापन का कार्य पूरा नहीं किया गया।
67 लाख किसानों ने ई-केवाईसी कराया
ऐसी ही खबर बिहार से भी आ रही है. बिहार में जागरूकता अभियान चलाने के बावजूद अब तक 15 लाख 83 हजार 107 किसानों ने आधार सीडिंग और भूमि अभिलेखों का सत्यापन नहीं कराया है. प्रदेश में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का लाभ लेने वाले किसानों की संख्या 83 लाख 29 हजार 641 है। इसमें से केवल 67 लाख 40 हजार 534 किसानों ने अपने आधार कार्ड का पूर्ण सत्यापन एवं ई-केवाईसी कराया है।
सालाना 6000 की मदद मिलती है
आपको बता दें कि पीएम किसान निधि योजना की शुरुआत केंद्र सरकार ने देश भर के किसानों की आर्थिक स्थिति को सुधारने के उद्देश्य से की थी. इसके तहत पात्र किसानों को सरकार द्वारा तीन किश्तों में 6000 रुपये की वार्षिक सहायता प्रदान की जाती है। यह भी दावा किया जा रहा है कि बजट में इस राशि को 6000 रुपये से बढ़ाकर 8000 रुपये किया जाएगा। हालांकि, इस बारे में सरकार की ओर से कोई पुष्टि नहीं की गई है।
सरकार द्वारा किसानों के नाम सूची से हटाने की कार्रवाई पिछले कई माह से चल रही है। इसके तहत किसानों का आधार सीडिंग और भूलेख सत्यापन कराना जरूरी किया गया है। सरकार को पता चला कि कुछ अपात्र लोग भी पीएम किसान सम्मान निधि का गलत तरीके से फायदा उठा रहे हैं, जिसके बाद यह कार्रवाई की जा रही है.
नोट:– आज के इस आर्टिकल में हमने आपको PM Kisan Samman NIdhi से सम्बंधित लगभग सभी जानकारी दे दी है, अगर आप फिर भी कुछ पूछना चाहते है तो कमेंट के माध्यम से पूछ सकते है।
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